विषाक्त कालसर्प योग :-
एकादश भाव में राहु एवं पंचम भाव में केतु से बनने वाले विषाक्त नामक कालसर्प दोष के प्रभाव से जातक का जीवन उथल पुथल लिए होता है ।जातक सोने को भी हाथ लगा दे तो मिटटी बन जाता है ।चारो तरफ घाटा ही घाटा नुकसान ही नुकसान होता है ।चेहरे पर काले दाग धब्बे ,मस्सो का उग आना ,नस नाड़ियो का दुर्बल होना ,बीमार संतान होना ,अथवा संतानहीनता भी इसी योग में निर्मित होता है ।इस दोष के शमनार्थ भगवान दत्तात्रेय की पूजा अर्चना लाभप्रद रहता है ।
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